Makar Sankranti: क्यूँ, कहा, कब और केसे मनाया जाता है
परिचय
भारत, विविधताओं और परंपराओं के देश के रूप में मशहूर है। यहाँ आपको हर महीने या हफ्ते में कई त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें से एक प्रमुख त्योहार है ‘मकर संक्रांति’। यह त्योहार भारत में अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति देश के उत्तरी भागों में हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस त्योहार का महत्व और परंपराएं विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आधारों पर आधारित हैं।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो प्रकृति, आध्यात्मिकता और खेती से जुड़ा हुआ है। इस दिन सूर्य दक्षिण से उत्तरी गोलार्ध में गमन करता है और धरती पर अच्छे दिनों की शुरुआत मानी जाती है। इसे देवताओं के दिन का आरंभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन वर्ग का दरवाजा खुल जाता है और इसे बड़े पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन दान, पूजा और धर्मिक कर्मों का अधिक फल मिलता है। इसके साथ ही यह त्योहार मोक्ष की प्राप्ति करवाता है और शुभ घटनाओं की आगमन के लिए प्रसन्नता लाता है।
मकर संक्रांति की परंपराएं
भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। इस दिन लोग परंपरागत रंग और खाद्य पदार्थ तैयार करते हैं और इन्हें उत्सव के दौरान मित्रों और परिवार के साथ साझा करते हैं। यहाँ कुछ राज्यों में मनाई जाने वाली प्रमुख परंपराएं हैं:
पंजाब और हरियाणा
* लोहड़ी: पंजाब में मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग बाहर जाकर आग के आसपास एकत्र होते हैं और गाने-भजनों के साथ ब्राह्मणों को दान देते हैं। इसे सामूहिक रूप से मनाने का मुख्य उद्देश्य एकता, प्यार और समृद्धि का प्रतीक होना है।
गुजरात और राजस्थान
* पतंग महोत्सव: गुजरात में शनिवार के दिन मकर संक्रांति के अवसर पर पतंग महोत्सव मनाया जाता है। इस त्योहार में लोग पतंग उड़ाते हैं और उसके बाद घरों में सूर्य पूजा की जाती है। इसके साथ ही घरों में घेवर, फैनी, तिल के लड्डू और अन्य खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं।
तमिलनाडु
* पोंगल: मकर संक्रांति को तमिलनाडु में पोंगल के नाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान महिलाएं घर में सफाई करती हैं और रंगोली बनाती हैं। उसके बाद मिट्टी के बर्तन में बांटे जाने वाले भोजन को पहले सूर्य देव को चढ़ाया जाता है। इस त्योहार का आयोजन 4 दिनों तक किया जाता है और इसके दौरान विभिन्न पदार्थ तैयार किए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश और बिहार
* खिचड़ी: उत्तर प्रदेश और बिहार में मकर संक्रांति को ‘खिचड़ी’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग खिचड़ी बनाकर खाते हैं और अन्य व्यंजन तैयार करते हैं। इसके अलावा रात के भोजन में तिल से बने व्यंजन बनाए जाते हैं।
महाराष्ट्र
* पोली: महाराष्ट्र में मकर संक्रांति का त्योहार 3 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान लोग पोली नामक खाद्य पदार्थ तैयार करते हैं और इसे खाते हैं। इसके साथ ही तिल से बने व्यंजन भी बांटे जाते हैं और इसे दूसरों के बीच बांटने की परंपरा जारी रखी जाती है।
ये थी कुछ प्रमुख परंपराएं जो विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति के अवसर पर मनाई जाती हैं। इन परंपराओं के माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ अपनी खुशी और प्यार को बांटते हैं और सामूहिक रूप से उत्सव मनाते हैं।
संक्षेप में
मकर संक्रांति भारतीय त्योहारों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन सूर्य दक्षिण से उत्तरी गोलार्ध में जाता है और अच्छे दिनों की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन धार्मिक कर्मों, पूजा-अर्चना और उत्सवों का भी आयोजन किया जाता है। यह त्योहार भारत की विविधता और एकता का प्रतीक है और लोगों को खुशी, समृद्धि और प्यार का अनुभव कराता है।